राष्ट्रीय- कार्यकारिणी की एक 'सुरक्षित -निधि' होगी । इसे सुरक्षित रखने के लिए 'परिषद' किसी सुरक्षित 'कोषागार' का निर्माण कर सकेगा। इस कोषागार का धन किसी भी मद में व्यय नहीं किया जा सकेगा। ऐसी आवश्यकता पड़ने पर 'परिषद' के दो -तिहाई बहुमत की आवश्यकता होगी । किंतु इस विधि के ब्याज को 'परिषद' के आवश्यक-व्यय हेतु उपयोग में लाया जा सकेगा ।
अन्य 'दान' वा चंदा अथवा अन्य मदों में से अर्जित धनराशियों पर जो, राष्ट्रीय- कार्यकारिणी को विधि द्वारा संग्रह की गई हो परंतु राष्ट्रीय कार्यकारिणी को परिषद के उद्देश्य पर खर्च करने का अधिकार होगा ।
राष्ट्रीय कार्यकारिणी की तर्ज पर प्रांतीय परिषद भी यही चाहे तो अपने कोषागार का निर्माण कर सकता है किंतु परिषद के किसी भी सदस्य का सदस्यता शुल्क राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सुरक्षित कोषागार की निधि होगी।