आज साधू जीवन मे कठनाइयों की बृद्धि,बीतराग, अभ्यागत,सन्त चरणों को कुछ कालनेमियो की बजह से अपमान का दंश,उपेक्षा तिरस्कार,ह्रदय को टूक टूक कर देने वाला है,आज अभ्यागत साधु भारत मे ही असहाय ,और निराश्रित,असुरक्षित,होकर निर्मम मौत तक को गले लगा रहा है।
आश्चर्य,,,बड़े बड़े राज नैतिक,सत्ता धारी,धर्म गुरु,ऐसी घटनाओं पर बिल्कुल गम्भीर नही है,,,अन्यथा भारत का साधु समाज ही यदि इसके विरोध में हुंकार भर दे तो भारत की हवा भी अपना रुख बदल देगी।
किन्तु अब नही ,,,,, अब सीमा समाप्त है,हम अपना जीवन तन मन धन समस्त ऊर्जा लगा देंगे,हमारी गगन भेदी हुँकार, कापुरुषो ,सत्ता धिशो,मठाधीशों,के हॄदय को अवश्य जगा देगी।
हमारे अभियान
1. हम राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संत समाज,वैदिक एवं सनातन के अंगों उपांगों की जनगणना कर उन्हें नागरिकता ,प्रशासनिक सुविधाओं से जोड़ने व उनका सामाजिक ,प्रशासनिक, नैतिक, सांस्कृतिक सुरक्षा कवच बनाएंगे।
2 सनातन साधु समाज मे व्याप्त मिथ्यावाद,मनमुखीवाद, निरंकुशता, धर्म विपरीत आचरण विरोधी अभियान चलाएंगे व मनमुखी, स्वयंभू गुरुओ धर्माचार्यों जिनके कारण साधु समाज एवं सनातन लांक्षित हो रहा है ।को आंदोलनो द्वारा एवम भारतीय न्यायालय पालिका द्वारा रोकेंगे व ऐसे छद्मवैशियो की समीक्षा करेंगे
3 हम सनातन खट दर्शन साधु समाज को सबल बनाएंगे प्रत्येक इकाई तक पहुंचकर उसे निर्भय आत्मविश्वास एवम स्वधर्म हेतु संकल्प बद्ध शस्त्र एवं शास्त्र में निपुण बनाएंगे व उसके सामाजिक स्वाभिमान की रक्षा करेंगे
4 वैदिक सनातन परंपराओं, संप्रदायों, अखाड़ों समूह , संस्थानों , सेवा समितियों को एक सूत्र में बाधेंगे व एकता स्थापित कर उपरोक्त लक्ष्य हेतु कटिबद्ध करेंगे।
भारतीय संस्कृति को पुनः स्थापित कर ऋषि और मुनियों योद्धा और दानवोरो के प्राचीन भारत को पुनः स्थापित कर विश्व गुरु की गरिमा से मंडित करेंगे